167. पुनरुत्थान, सबसे बड़ा सबूत है कि यीशु मसीह है (लूका 24:26, 46)
प्रेरितों के काम 2:34-36, 1 पतरस 1:10-11

पुराने नियम ने भविष्यवाणी की कि मसीह को पीड़ित, मर जाएगा, और पुनर्जीवित किया जाएगा।(1 पतरस 1:10-11)

1 पतरस 1:10 इसी उद्धार के विषय में उन भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत ढूँढ़-ढाँढ़ और जाँच-पड़ताल की, जिन्होंने उस अनुग्रह के विषय में जो तुम पर होने को था, भविष्यद्वाणी की थी।
11 उन्होंने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उनमें था, और पहले ही से मसीह के दुःखों की और उनके बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था।

यीशु ने अपने शिष्यों को यह बताकर खुद को प्रकट किया कि मसीह को पीड़ित, मर जाएगा, और पुनर्जीवित किया जाएगा।दूसरे शब्दों में, यीशु ने खुद को मसीह होने के लिए दिखाया।(लूका 24:26, लूका 24:46)

लूका 24:26 क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुःख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?”

लूका 24:46 और उनसे कहा, “यह लिखा है कि मसीह दुःख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा,

अपने सार्वजनिक मंत्रालय के दौरान, यीशु ने अपने शिष्यों को दिखाया कि वह मसीह थे।लेकिन शिष्यों ने इस पर विश्वास नहीं किया।लेकिन यीशु के पुनर्जीवित होने के बाद, यह माना जाता था कि यीशु मसीह था।(यूहन्ना 2:22)

यूहन्ना 2:22 फिर जब वह मुर्दों में से जी उठा फिर उसके चेलों को स्मरण आया कि उसने यह कहा था; और उन्होंने पवित्रशास्त्र और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, विश्वास किया।

पतरस ने गवाही दी कि यीशु को एक निश्चित प्रमाण के रूप में पुनर्जीवित किया गया था कि यीशु मसीह था।(प्रेरितों के काम 2:34-36)

प्रेरितों के काम 2:34 क्योंकि दाऊद तो स्वर्ग पर नहीं चढ़ा; परन्तु वह स्वयं कहता है,
35 जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों तले की चौकी न कर दूँ।’
36 अतः अब इस्राएल का सारा घराना निश्चय जान ले कि परमेश्‍वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।”