355. हम जो मसीह का प्रचार करते हैं, ईश्वर का रहस्य (1 कुलुस्सियों 4:1)
कुलुस्सियों 1:26-27, कुलुस्सियों 2:2, रोमियों 16:25-27

1 कुलुस्सियों 4:1 मनुष्य हमें मसीह के सेवक और परमेश्वर के भेदों के भण्डारी समझे।

परमेश्वर का रहस्य मसीह है।मसीह दिखाई दिया।वह यीशु है।(कुलुस्सियों 1:26-27)

कुलुस्सियों 1:26 अर्थात् उस भेद को जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है।
27 जिन पर परमेश्‍वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।

हमें लोगों को मसीह, ईश्वर के रहस्य से अवगत कराना चाहिए।हमें लोगों को यह महसूस करने की भी आवश्यकता है कि यीशु मसीह है।(कुलुस्सियों 2:2)

कुलुस्सियों 2:2 ताकि उनके मनों को प्रोत्साहन मिले और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्‍वर पिता के भेद को अर्थात् मसीह को पहचान लें।

सुसमाचार, जो दुनिया के शुरू होने के बाद से छिपा हुआ था, और अब पता चला, यह है कि यीशु मसीह है।(रोमियों 16:25-27)

रोमियों 16:25 अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा।
26 परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्‍वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ।
27 उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्‍वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन।