405. कानून, जो चार सौ तीस साल बाद था, उस वाचा को नहीं बता सकता जो मसीह में ईश्वर द्वारा पहले पुष्टि की गई थी।(गलातियों 3:16-17)
गलातियों 3:18-26

परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया कि वह मसीह को भेजेगा।और 400 साल बाद, परमेश्वर ने इजरायल के लोगों को कानून दिया।(गलातियों 3:16-18)

गलातियों 3:16 अतः प्रतिज्ञाएँ अब्राहम को, और उसके वंश को दी गईं; वह यह नहीं कहता, “वंशों को,” जैसे बहुतों के विषय में कहा, पर जैसे एक के विषय में कि “तेरे वंश को” और वह मसीह है।
17 पर मैं यह कहता हूँ कि जो वाचा परमेश्‍वर ने पहले से पक्की की थी, उसको व्यवस्था चार सौ तीस वर्षों के बाद आकर नहीं टाल सकती, कि प्रतिज्ञा व्यर्थ ठहरे।
18 क्योंकि यदि विरासत व्यवस्था से मिली है, तो फिर प्रतिज्ञा से नहीं, परन्तु परमेश्‍वर ने अब्राहम को प्रतिज्ञा के द्वारा दे दी है।

जैसा कि इस्राएलियों ने पाप करना जारी रखा, भगवान ने उन्हें अपने पापों के बारे में जागरूक करने के लिए एक कानून दिया।अंततः, कानून हमें हमारे पापों के बारे में आश्वस्त करता है और हमें मसीह की ओर ले जाता है, जिन्होंने हमारे पापों को हल किया है।(गलातियों 3:19-25)

गलातियों 3:19 तब फिर व्यवस्था क्या रही? वह तो अपराधों के कारण बाद में दी गई, कि उस वंश के आने तक रहे, जिसको प्रतिज्ञा दी गई थी, और व्यवस्था स्वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।
20 मध्यस्थ तो एक का नहीं होता, परन्तु परमेश्‍वर एक ही है।
21 तो क्या व्यवस्था परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाओं के विरोध में है? कदापि नहीं! क्योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, तो सचमुच धार्मिकता व्यवस्था से होती।
22 परन्तु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया, ताकि वह प्रतिज्ञा जिसका आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है, विश्वास करनेवालों के लिये पूरी हो जाए।
23 पर विश्वास के आने से पहले व्यवस्था की अधीनता में हम कैद थे, और उस विश्वास के आने तक जो प्रगट होनेवाला था, हम उसी के बन्धन में रहे।
24 इसलिए व्यवस्था मसीह तक पहुँचाने के लिए हमारी शिक्षक हुई है, कि हम विश्वास से धर्मी ठहरें।
25 परन्तु जब विश्वास आ चुका, तो हम अब शिक्षक के अधीन न रहे।