460. मसीह, जो महिमा की आशा है (कुलुस्सियों 1:27)
1 तीमुथियुस 1:1, लूका 2:25-32, प्रेरितों के काम 28:20, भजन संहिता 39:7, भजन संहिता 42:5, भजन संहिता 71:5, यिर्मयाह 17:13, रोमियों 15:12

भगवान हमारी आशा है।(भजन संहिता 39:7, भजन संहिता 71:5, यिर्मयाह 17:13)

भजन संहिता 39:7 “अब हे प्रभु, मैं किस बात की बाट जोहूँ?

भजन संहिता 71:5 क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूँ;

यिर्मयाह 17:13 हे यहोवा, हे इस्राएल के आधार, जितने तुझे छोड़ देते हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझसे भटक जाते हैं उनके नाम भूमि ही पर लिखे जाएँगे, क्योंकि उन्होंने जीवन के जल के सोते यहोवा को त्याग दिया है।

यीशु इज़राइल, मसीह की आशा है।(लूका 2:25-32, प्रेरितों के काम 28:20)

लूका 2:25 उस समय यरूशलेम में शमौन नामक एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की प्रतीक्षा कर रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
26 और पवित्र आत्मा के द्वारा प्रकट हुआ, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख न लेगा, तब-तक मृत्यु को न देखेगा।
27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें,
28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्‍वर का धन्यवाद करके कहा:
29 “हे प्रभु, अब तू अपने दास को अपने
30 क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख
31 जिसे तूने सब देशों के लोगों के सामने
32 कि वह अन्यजातियों को सत्य प्रकट करने के

प्रेरितों के काम 28:20 इसलिए मैंने तुम को बुलाया है, कि तुम से मिलूँ और बातचीत करूँ; क्योंकि इस्राएल की आशा के लिये मैं इस जंजीर से जकड़ा हुआ हूँ।”

यीशु, मसीह, हमारी आशा है।(कुलुस्सियों 1:27, 1 तीमुथियुस 1:1)

कुलुस्सियों 1:27 जिन पर परमेश्‍वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।

1 तीमुथियुस 1:1 पौलुस की ओर से जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, और हमारी आशा के आधार मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है,