502. जिसके लिए मुझे एक ईविल्डर के रूप में परेशानी होती है, यहां तक कि जंजीरों के बिंदु तक, लेकिन परमेश्वर का वचन जंजीर नहीं है।(2 तीमुथियुस 2:9)
यशायाह 40:8, यशायाह 55:11, 1 पतरस 1:24-25, प्रेरितों के काम 28:30-31

यीशु मसीह है कि सुसमाचार कभी भी बाध्य नहीं होता है।(1 पतरस 1:24-25, यशायाह 40:8, यशायाह 55:11)

1 पतरस 1:24 क्योंकि “हर एक प्राणी घास के समान है, और उसकी सारी शोभा घास के फूल के समान है:
25 परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।”

यशायाह 40:8 घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्‍वर का वचन सदैव अटल रहेगा।

यशायाह 55:11 उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैंने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।

भले ही पॉल जेल में है, लेकिन यह सुसमाचार जो यीशु मसीह है वह नहीं रोकता है।(2 तीमुथियुस 2:9, प्रेरितों के काम 2:30-31)

2 तीमुथियुस 2:9 जिसके लिये मैं कुकर्मी के समान दुःख उठाता हूँ, यहाँ तक कि कैद भी हूँ; परन्तु परमेश्‍वर का वचन कैद नहीं।

प्रेरितों के काम 2:30 वह भविष्यद्वक्ता था, वह जानता था कि परमेश्‍वर ने उससे शपथ खाई है, “मैं तेरे वंश में से एक व्यक्ति को तेरे सिंहासन पर बैठाऊँगा।”
31 उसने होनेवाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की,