1004. वे जानते थे कि यीशु मसीह था।(2 इतिहास 33:10-13)
मत्ती 16:16-17, यूहन्ना 4:29,42, यूहन्ना 20:27-28

पुराने नियम में, राजा मानशेह को असीरियन सेना द्वारा हराया गया और बंदी बन गया।राजा मानशे ने भगवान से प्रार्थना की और उन्हें कैद से मुक्त कर दिया गया और फिर से राजा बन गए।तभी राजा मानशेह को पता था कि प्रभु सच्चे ईश्वर थे।(2 इतिहास 33:10-13)

2 इतिहास 33:10 यहोवा ने मनश्शे और उसकी प्रजा से बातें की, परन्तु उन्होंने कुछ ध्यान नहीं दिया।
11 तब यहोवा ने उन पर अश्शूर के सेनापतियों से चढ़ाई कराई, और वे मनश्शे को नकेल डालकर, और पीतल की बेड़ियों से जकड़कर, उसे बाबेल को ले गए।
12 तब संकट में पड़कर वह अपने परमेश्‍वर यहोवा को मानने लगा, और अपने पूर्वजों के परमेश्‍वर के सामने बहुत दीन हुआ, और उससे प्रार्थना की।
13 तब उसने प्रसन्‍न होकर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुँचाकर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्‍वर है।

परमेश्वर की कृपा से, पतरस को पता चला कि यीशु मसीह था।(मत्ती 16:16-17)

मत्ती 16:16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, “तू जीविते परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है।”
17 यीशु ने उसको उत्तर दिया, “हे शमौन, योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि माँस और लहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।

सुगा सिटी में रहने वाले लोगों ने यीशु के शब्दों को सुना और पता चला कि यीशु मसीह था।(यूहन्ना 4:29, यूहन्ना 4:42)

यूहन्ना 4:29 “आओ, एक मनुष्य को देखो, जिस ने सब कुछ जो मैंने किया मुझे बता दिया। कहीं यही तो मसीह नहीं है?”
42 और उस स्त्री से कहा, “अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हमने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।”

थॉमस ने पुनर्जीवित यीशु के पक्ष में अपना हाथ रखा और जानते थे कि यीशु मसीह था।(यूहन्ना 20:27-28)

यूहन्ना 20:27 तब उसने थोमा से कहा, “अपनी उँगली यहाँ लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो।”
28 यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्‍वर!”