1011. विश्व प्रचार के लिए चिंता (नहेमायाह 1:2-5, नहेमायाह 2:1-3)
रोमियों 9:1-3, 2 कुलुस्सियों 7:10, कुलुस्सियों 4:3, 2 टिमोथी 4:17, फिलिप्पियों 2:16-17

पुराने नियम में, नेहेमियामियाह, जो फारस में आए थे, कई दिनों तक रोते थे, जब उन्होंने इज़राइल के एक व्यक्ति से उन लोगों के बारे में खबर सुनी, जो बिना किसी बंदी के इज़राइल में रहे।(नहेमायाह 1:2-5)

नहेमायाह 1:2 तब हनानी नामक मेरा एक भाई और यहूदा से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैंने उनसे उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बँधुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विषय में पूछा।
3 उन्होंने मुझसे कहा, “जो बचे हुए लोग बँधुआई से छूटकर उस प्रान्त में रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है; क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं।”
4 ये बातें सुनते ही मैं बैठकर रोने लगा और कुछ दिनों तक विलाप करता; और स्वर्ग के परमेश्‍वर के सम्मुख उपवास करता और यह कहकर प्रार्थना करता रहा।
5 “हे स्वर्ग के परमेश्‍वर यहोवा, हे महान और भययोग्य परमेश्‍वर! तू जो अपने प्रेम रखनेवाले और आज्ञा माननेवाले के विषय अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है;

पुराने नियम में, नेहेमियाहेमियाह ने आर्टैक्सरेक्स किंग आर्टैक्सरेक्स को बताया कि वह अपने राष्ट्र, इज़राइल के उजाड़ से परेशान था।(नहेमायाह 2:1-3)

नहेमायाह 2:1 अर्तक्षत्र राजा के बीसवें वर्ष के नीसान नामक महीने में, जब उसके सामने दाखमधु था, तब मैंने दाखमधु उठाकर राजा को दिया। इससे पहले मैं उसके सामने कभी उदास न हुआ था।
2 तब राजा ने मुझसे पूछा, “तू तो रोगी नहीं है, फिर तेरा मुँह क्यों उतरा है? यह तो मन ही की उदासी होगी।”
3 तब मैं अत्यन्त डर गया। मैंने राजा से कहा, “राजा सदा जीवित रहे! जब वह नगर जिसमें मेरे पुरखाओं की कब्रे हैं, उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं, तो मेरा मुँह क्यों न उतरे?”

पॉल चाहता था कि उसके लोग बच गए, भले ही वह मसीह से काट दिया गया हो।(रोमियों 9:1-3)

रोमियों 9:1 मैं मसीह में सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है।
2 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुःखता रहता है।
3 क्योंकि मैं यहाँ तक चाहता था, कि अपने भाइयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से श्रापित और अलग हो जाता।

पॉल ने प्रार्थना की कि ईश्वर इंजीलवाद का दरवाजा खोलेगा और उन्हें बताएगा कि यीशु इस्राएलियों और अन्यजातियों के लिए मसीह है।(कुलुस्सियों 4:3, 2 तीमुथियुस 4:17, फिलिप्पियों 2:16-17)

कुलुस्सियों 4:3 और इसके साथ ही साथ हमारे लिये भी प्रार्थना करते रहो, कि परमेश्‍वर हमारे लिये वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिसके कारण मैं कैद में हूँ।

2 तीमुथियुस 4:17 परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ्य दी; ताकि मेरे द्वारा पूरा-पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले; और मैं तो सिंह के मुँह से छुड़ाया गया।

फिलिप्पियों 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्ड करने का कारण हो कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।
17 यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लहू भी बहाना पड़े तो भी मैं आनन्दित हूँ, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूँ।

ईश्वर की इच्छा का अनुसरण करने वाला दुःख विश्व प्रचार के लिए दुःख है।(2 कुलुस्सियों 7:10)

2 कुलुस्सियों 7:10 क्योंकि परमेश्‍वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्चाताप उत्‍पन्‍न करता है; जिसका परिणाम उद्धार है और फिर उससे पछताना नहीं पड़ता: परन्तु सांसारिक शोक मृत्यु उत्‍पन्‍न करता है।