1015. जब हम जानते हैं कि यीशु मसीह है, तो सच्चा पश्चाताप आता है।(नहेमायाह 9:3)
जकर्याह 12:10, प्रेरितों के प्रेरितों के काम 2:36-37

पुराने नियम में, कैद से लौटे इस्राएलियों ने कानून की पुस्तक पढ़ी और उनके पापों को कबूल किया।(नहेमायाह 9:3)

नहेमायाह 9:3 तब उन्होंने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर दिन के एक पहर तक अपने परमेश्‍वर यहोवा की व्यवस्था की पुस्तक पढ़ते, और एक और पहर अपने पापों को मानते, और अपने परमेश्‍वर यहोवा को दण्डवत् करते रहे।

पुराने नियम में यह भविष्यवाणी की गई थी कि जब वे मसीह को उनके लिए मरते हुए देखते हैं तो इस्राएलियों को रोना होगा।(जकर्याह 12:10)

जकर्याह 12:10 “मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूँगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएँगे जैसे एकलौते पुत्र के लिये रोते-पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहलौठे के लिये करते हैं।

इस्राएलियों ने पश्चाताप किया जब उन्हें एहसास हुआ कि यीशु, जिसे उन्होंने क्रूस पर चढ़ाया था, वह मसीह था।(प्रेरितों के प्रेरितों के काम 2:36-37)

प्रेरितों के प्रेरितों के काम 2:36 अतः अब इस्राएल का सारा घराना निश्चय जान ले कि परमेश्‍वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।”
37 तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और अन्य प्रेरितों से पूछने लगे, “हे भाइयों, हम क्या करें?”