964. मसीह ने अन्यजातियों को बचाया (1 राजा 17:8-9)
लूका 4:24-27, 2 राजा 5:14, यशायाह 43:6-7, मलाकी 1:11, मीका 4:2, जकरियाह 8:20-23, मत्ती 8:10-11, रोमियों 10:9-12

पुराने नियम में, एलिजा का इज़राइल में स्वागत नहीं किया गया था और सिडोन की भूमि में एक विधवा के पास गया था।(1 राजा 17:8-9)

1 राजा 17:8 तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा,
9 “चलकर सीदोन के सारफत नगर में जाकर वहीं रह। सुन, मैंने वहाँ की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है।”

पैगंबर का इज़राइल में स्वागत नहीं किया गया और अन्यजातियों की भूमि पर गए।(लूका 4:24-27)

लूका 4:24 और उसने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कोई भविष्यद्वक्ता अपने देश में मान-सम्मान नहीं पाता।
25 मैं तुम से सच कहता हूँ, कि एलिय्याह के दिनों में जब साढ़े तीन वर्ष तक आकाश बन्द रहा, यहाँ तक कि सारे देश में बड़ा आकाल पड़ा, तो इस्राएल में बहुत सी विधवाएँ थीं।
26 पर एलिय्याह को उनमें से किसी के पास नहीं भेजा गया, केवल सीदोन के सारफत में एक विधवा के पास।
27 और एलीशा भविष्यद्वक्ता के समय इस्राएल में बहुत से कोढ़ी थे, पर सीरिया वासी नामान को छोड़ उनमें से काई शुद्ध नहीं किया गया।”

पुराने नियम में, एलीशा का इज़राइल में स्वागत नहीं किया गया और नामन ने सीरियाई को चंगा किया, जो अन्यजातियों की भूमि में एक कोढ़ी थी।(2 राजा 5:14)

2 राजा 5:14 तब उसने परमेश्‍वर के भक्त के वचन के अनुसार यरदन को जाकर उसमें सात बार डुबकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; और वह शुद्ध हो गया।

पुराने नियम ने भविष्यवाणी की कि सुसमाचार को अन्यजातियों को प्रचारित किया जाएगा और अन्यजातियों को बचाया जाएगा।(यशायाह 43:6-7, मलाकी 1:11, मीका 4:2, जकरियाह 8:20-23)

यशायाह 43:6 मैं उत्तर से कहूँगा, ‘दे दे’, और दक्षिण से कि ‘रोक मत रख;’ मेरे पुत्रों को दूर से और मेरी पुत्रियों को पृथ्वी की छोर से ले आओ;
7 हर एक को जो मेरा कहलाता है, जिसको मैंने अपनी महिमा के लिये सृजा, जिसको मैंने रचा और बनाया है।”

मलाकी 1:11 क्योंकि उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, और हर कहीं मेरे नाम पर धूप और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है; क्योंकि अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

मीका 4:2 और बहुत जातियों के लोग जाएँगे, और आपस में कहेंगे, “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।

जकर्याह 8:20 “सेनाओं का यहोवा यह कहता है: ऐसा समय आनेवाला है कि देश-देश के लोग और बहुत नगरों के रहनेवाले आएँगे। 21 और एक नगर के रहनेवाले दूसरे नगर के रहनेवालों के पास जाकर कहेंगे, ‘यहोवा से विनती करने और सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चलो; मैं भी चलूँगा।’ 22 बहुत से देशों के वरन् सामर्थी जातियों के लोग यरूशलेम में सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने और यहोवा से विनती करने के लिये आएँगे। 23 सेनाओं का यहोवा यह कहता है: उन दिनों में भाँति-भाँति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों में से दस मनुष्य, एक यहूदी पुरुष के वस्त्र की छोर को यह कहकर पकड़ लेंगे, ‘हम तुम्हारे संग चलेंगे, क्योंकि हमने सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ है।’ ”

उन अन्यजातियों को जो यीशु को मसीह के रूप में मानते थे, उन्हें बचाया गया था।(मत्ती 8:10-11, प्रेरितों के प्रेरितों के काम 13:48)

मत्ती 8:10 यह सुनकर यीशु ने अचम्भा किया, और जो उसके पीछे आ रहे थे उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि मैंने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया।
11 और मैं तुम से कहता हूँ, कि बहुत सारे पूर्व और पश्चिम से आकर अब्राहम और इसहाक और याकूब के साथ स्वर्ग के राज्य में बैठेंगे।

प्रेरितों के प्रेरितों के काम 13:48 यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्‍वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया।