1037. मसीह में रहो।(भजन संहिता 1:3)
यूहन्ना 15:4-8

जो लोग दिन -रात भगवान के वचन पर ध्यान करते हैं, वे उसी तरह समृद्ध होंगे जैसे एक धारा द्वारा लगाए गए पेड़ को बढ़ता है और फल पैदा होता है।(भजन संहिता 1:3)

भजन संहिता 1:3 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है

मसीह में रहें।फिर हम कई आत्माओं को बचाएंगे और भगवान को महिमा देंगे।(यूहन्ना 15:4-8)

यूहन्ना 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
5 मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली के समान फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।