2 कुरिन्थियों 11 -13 पौलुस के सुसमाचार के प्रचार में बहुत चुनौती के सामना करे के पड़ल। इहाँ तक कि उनुका मौत के कष्ट तक उठावे के पड़ल। लेकिन इ सब दुख मसीह के दुख के अवशेष रहे। (2 कुरिन्थियों 1:5-10, 2 कुरिन्थियों 4:10-11, 1 कुरिन्थियों 4:9, 1 कुरिन्थियों 4:11-13)

पौलुस सुसमाचार के खातिर जवन कष्ट उठावलन ओकरा में खुश रहलन अउर भाग लेवे के चाहत रहलन। (फिलिप्पियों 3:10, कुलुस्सी 1:24)

जतना हद तक रउवां मसीह के दुख में भाग लेत बानी, उहाँ तक आनन्दित रहीं। (1 पतरस 4:13)

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