- 1139.. भगवान आ मसीह के जानल ज्ञान के आधार ह. (नीतिवचन 1:7)
- 1140.. मसीह चौक में सुसमाचार के प्रचार करत (नीतिवचन 1:20-23)
- 1141.. मसीह हमनी पर आपन आत्मा डाल दिहले बाड़न. (नीतिवचन 1:23)
- 1142.. यहूदी लोग मसीह के नकार दिहल. (नीतिवचन 1:24-28)
- 1143.. मसीह के खोजीं, जे सच्चा बुद्धि हउवें. (नीतिवचन 2:2-5)
- 1144.. मसीह से प्रेम कइल जाव. उ तोहार रक्षा करीहे। (नीतिवचन 4:6-9)
- 1145.. मसीह जे भगवान के साथे आकाश आ धरती के रचना कइले बाड़न (नीतिवचन 8:22-31)
- 1146. जेकरा लगे मसीह बा ओकरा लगे जीवन बा. (नीतिवचन 8:34-35)
- 1147. अगर केहू प्रभु ईसा मसीह से प्यार ना करे त ओकरा के अभिशप्त होखे के चाहीं. (नीतिवचन 8:36)
- 1148.. मसीह हमनी के स्वर्गीय बियाह के भोज में बोलवले रहले (नीतिवचन 9:1-6)
- 1149. दुनिया में केहू अइसन नइखे जे पाप ना कइले होखे। (नीतिवचन 20:9)
- 1150.. मसीह हर आदमी के करनी का हिसाब से बदला देत बाड़न. (नीतिवचन 24:12)
- 1151. भगवान के वचन मधुकोश जइसन मीठ होला। (नीतिवचन 24:13-14)
- 1152. गुरु मत कहल जाव, काहे कि राउर गुरु एके ह, ऊ मसीह ह. (नीतिवचन 25:6-7)
- 1153. अपना दुश्मनन से प्यार करीं. (नीतिवचन 25:21-22)
- 1154.. मसीह स्वर्ग में चढ़ गइल बाड़न आ उतर गइल बाड़न. (नीतिवचन 30:4)
- 1155.. ईसा, भगवान के बेटा के नाम (नीतिवचन 30:4)